दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, March 7, 2009

होली पर खोया { मावा } के लड्डू

होली पर खोया { मावा } के लड्डू
एक बहुत ही कम समय मे बनने वाली रेसेपी

खोया / किलो
चीनी / किलो
पीसी इलायची

खोये को बारीक बारीक तोड़ ले या कदूकस कर ले चीनी पीस ले अब खोया और चीनी आपस मे मिला ले इस मिक्सचर मे पिसी इलायची डाले और छोटे छोटे लड्डू बनाएलड्डू बन जाए तो एक प्लेट मे सजा ले और उसके ऊपर चांदी का वर्क लगा दे ।


होली शुभ हो आप सब को

होली या फागुन
लाये बस हँसी ठिठोली
अबीर गुलाल से रंग जाये
सबके मन और तन
दूर हो कालिमा आतंक कि
होली के रंगों से
बस यही हैं कामना
मेरे मन की

2 comments:

mamta said...

रचना आपको और आपके परिवार को होली की खूब सारी बधाई ।

mehek said...

bahut badhiya laddu aur holi bahut mubarak ho aap ko bhi.